बाह्य वातावरण मे रखे होने के कारण एफ - ७३४ मे कई समस्याएं थी, इसमें भौतिक, रासायनिक और जैविक ह्रास का कारण बन गए थे | जंग लगना, पेंट का निकलना, सतह पर छेद और सतह का टूटना मुख्य समस्याएं थी| लोकोमोटिव के कुछ हिस्से जैसे - फ्रेम, बायलर, भाप के लिए नतछात, पहियें, एक्सल और चिमनी बहुत बुरी हालत मे थे | पहियें और एक्सल पर से पेंट की परत निकल रही थी और उनमे जंग देखा जा सकता था | टेंडर के कुछ हिस्से पूरी तरह से जंग लगे हुए थे, जिसके कारण उसकी सतह खराब हो चुकी थी | ड्राइवर के कैबिन मे लगे उपकरण अत्यIधिक रंगे हुए थे | पीतल के उपकरण भी रंगे हुए थे | कैबिन की लकड़ी सबसे बुरी हालत मे थी | इसके अलावा कैबिन के अंदर के पटल विस्थापित हो गए थे | फायर बॉक्स भी जंग लगा हुआ था और वह एक कूड़ेदान मे परिवर्तित हो गया था |
बायलर के कुछ हिस्से बुरी तरह से जीर्णशीर्ण अवस्था मे थे, जिसके कारण सतह ख़राब हो गयी थी |
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