मॉरिस फायर इंजन का निर्माण मेनचेस्टर, सेलफोर्ड के प्रसिद्द फायर इंजीनियर जॉन मॉरिस एंड संस लिमिटेड द्वारा १९१४ मे किया गया था | विश्व मे दो मॉरिस - बेल्सएजे फायर इंजन मौजूद है | राष्ट्रीय रेल संग्रालय, डेल्ही के अलावा सन १९१२ का मॉडल एनफील्ड एंड डिस्ट्रिक्ट वेटेरन व्हीकल द्वारा संरक्षित है | जॉन मॉरिस इंजन मे ४ सिलिंडर वाटर कूल इंजन, ८० हार्सपावर के साथ कारबुरेटर सोलेक्स ५२ एन\एन है | इसके गियर बॉक्स मे ४ फॉरवर्ड और एक रिवर्स गियर है | इसका चैन संचालित ट्रांसमिशन गियर बॉक्स है, पीछे के हर पहियें को चैन के द्वारा गियर बॉक्स से ट्रांसमिशन मिलता है | इसमें श्वेस्बरी और चल्लीनेर ठोस पहियें लगे है, जिनका ३४ इंच व्यास और ११ फ़ीट व्हील बेस है |
यह एक १२ वाट इलेक्ट्रिक बैटरी द्वारा संचालित किया जाता है, जिसमे ०२ हेड लैंप, ०२ रियर लाइट, ०१ सर्च लाइट और ०२ साइड लैंप शामिल है | जॉन मॉरिस की अधिकतम गति ४० किलोमीटर प्रति घंटे की है ०र यह १:५ श्रेणी ग्रेड पर जा सकती है | इसका भार लगभग ०४ टन है, जो ०४ पहियो पर सामान रूप से वितरित किया गया है |यह अजाक्स गन धातू टरबाइन पंप से लेस है | ११५० आर पी एम की गति से ड्राइवर की सीट के नीचे लिवर के माध्यम से पंप सीधे इंटरमीडिएट गियरिंग के बिना इंजन से संचालित होता है | यह प्रति मिनट ४०० गैलन पानी वितरित कर सकता है |