महाराजा मैसूर सैलून १८९९ मे मैसूर राज्य रेलवे के बैंगलोर कार्यशाला मे यू.के. के हर्स्ट नेल्सन द्वारा आपूर्ति की गयी अंडर फ्रेम मे बनाया गया है | यह सैलून महाराजा कृष्णराज वोडेयार और उनके परिवार द्वारा इस्तेमाल किये गए एक विशेष ०३ कोच ट्रैन का हिस्सा था |
बाहरी वातावरण मे रहने के कारण सैलून मे समस्याएं उत्पन्न होने लगी थी | इसमें रासायनिक, जैविक, जंग, पपड़ी निकलना आदि समस्याएं थी |
रंग का निकलना, रंग का फीका पड़ना, टूटे हिस्से, सतह पर नमी और धूल जमा होना कुछ समस्याएं थी, जो सैलून मे थी |