नई खोज - सफलता की सीढ़ी

गाडिया लोहार समुदाय की नई खोज

Dastkari Haat Samiti

दस्तकारी हाट समिति

Metal Craft: Metal artisan at work (2017-08)Dastkari Haat Samiti

गाडिया लोहारों के बारे में जानकारी

गडिया लोहार, उत्तर भारत में लोहारों का एक समुदाय है. इस समुदाय के लोग हमेशा यात्रा करते रहते हैं . यह समुदाय मूल रूप से राजस्थान से है. इन्हें इनकी सजी हुई गाड़ियों से पहचाना जा सकता है. ये गाड़ियां इनका घर भी होती हैं और एक जगह से दूसरी जगह जाने का ज़रिया भी. हालांकि, कई गाडिया लोहारों ने अब बंजारों वाली ज़िंदगी छोड़ दी है और एक जगह रहकर गुजर-बसर कर रहे हैं. राजस्थान के टोंक जिले के पचेवार गांव में 16-17 लोहार परिवार स्थायी रूप से रहते हैं.

Metal Craft: Metal artisans at work (2017-08)Dastkari Haat Samiti

गाडिया लोहार मानते हैं कि उनके पूर्वज 16वीं सदी में राजस्थान के राजपूत राजाओं के लिए हथियार बनाते थे. जब उनके राजा महाराणा प्रताप को मुगलों ने बंधक बनाया, तब गाडिया लोहार भी अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए. उन्होंने कसम खाई कि जब तक उनके राजा फिर से राजगद्दी पर नहीं बैठते और राज्य फिर से नहीं चलाते, तब तक वे बंजारों की तरह ज़िंदगी बिताएंगे. भले ही महाराणा प्रताप कभी मुगलों से हारे नहीं, लेकिन वह कभी दोबारा शासन नहीं कर पाए. गाडिया लोहार अपनी गाड़ी से पूरे उत्तरी भारत में घूमते थे और बंजारों की ज़िंदगी जीते थे.

Metal Craft: The blacksmith's cart (2017-08)Dastkari Haat Samiti

भारत की आज़ादी के बाद, सरकार ने इस समुदाय को स्थायी रूप से बसाने के लिए काम किए. हालांकि, अब भी यह समुदाय बंजारों के रूप में और स्थायी घरों में रहकर मिली-जुली ज़िंदगी जीता है. ये लोग गांव और शहर, दोनों जगह रहते हैं. तकनीकी विकास और बाज़ार में उपलब्ध दूसरी चीज़ों की वजह से इनका पारंपरिक पेशा टिकाऊ नहीं रह गया है. यही वजह है कि कई कारीगरों को दूसरे पेशे अपनाने पड़े.

Metal Craft: Metal artisans at work (2017-08)Dastkari Haat Samiti

गाडिया लोहार, पचेवर गांव में बेहतर ढंग से जीवन जीते हैं. हालांकि, यहां भी उन्होंने अपनी खास कला को ज़िंदा रखा है. खेती के महीनों में वे इससे जुड़े उपकरण और औज़ार बनाते हैं. साल के बाकी महीनों में वे बर्तन और दूसरे औज़ार बनाते हैं.

Metal Craft: Artisan family with their cart (2017-08)Dastkari Haat Samiti

बीच में, धातु कारीगर, हनुमान की मां हैं जो अब अपनी गाड़ी नहीं चलातीं. हालांकि, अब भी वह गाडिया लोहार की ज़िंदगी जीती हैं. वह अब भी अपना सामान गाड़ी में रखती हैं.

Metal Craft: Metal artisan with her cart (2017-08)Dastkari Haat Samiti

आज भी वह अपनी गाडी में सोना पसंद करती हैं.

Hanuman की Metal Craft: Handcrafted metal insects (Contemporary)Dastkari Haat Samiti

नई खोज

Hanuman की Metal Craft: Handcrafted metal insect (Contemporary)Dastkari Haat Samiti

धातु कारीगर, हनुमान ने पाया कि धातु के कीड़े बनाना उनके लिए बहुत फ़ायदेमंद है और इनकी बाज़ार में खूब बिक्री होती है.

Hanuman की Metal Craft: Handcrafted metal insects (Contemporary)Dastkari Haat Samiti

वह गांवों में बेचने के लिए लोहे का पारंपरिक सामान बनाते हैं और शहरों में धातु के बने कीड़े बेचते हैं.

Hazari Lal की Metal Craft: Handcrafted metal insects (Contemporary)Dastkari Haat Samiti

धातु के कीड़े, शिल्प बाज़ारों और शहर के बुटीक में बहुत मशहूर हैं.

Metal Craft: An artisan's new home (2017-08)Dastkari Haat Samiti

इससे हनुमान की कमाई बढ़ी है और वह इतना पैसा बचा पाते हैं कि घर बनाने के लिए ज़मीन खरीद सकें.

Metal Craft: An artisan's new home (2017-08)Dastkari Haat Samiti

उनके घर में दो मंज़िलें हैं और जब भी उनके पास पैसा होता है, वे नया कमरा बनवा लेते हैं या दीवार पर प्लास्टर कराने जैसी मरम्मत करा लेते हैं.

Metal Craft: Metal artisans at work (2017-08)Dastkari Haat Samiti

हनुमान के तीन बच्चे बड़े होकर धातु कारीगरी का कारोबार करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल दिखता है. हालांकि, उनकी सबसे छोटी बेटी इसमें नहीं रहना चाहती.

उनकी सबसे छोटी बेटी फ़िलहाल दसवीं कक्षा में है और उसे कुछ अलग करना है. वह समुदाय की दूसरी लड़कियों से ज़्यादा पढ़ी-लिखी है. उसके माता-पिता चाहते हैं कि वह अपनी पढ़ाई आगे भी जारी रखे और जब तक पढ़ना चाहे, तब तक पढ़े.

Metal Craft: Inside an artisan's home (2017-08)Dastkari Haat Samiti

दूसरे धातु कारीगर, हज़ारी लाल का घर. यहां रखे कंप्यूटर का इस्तेमाल इनके दो बेटे करते हैं.

हनुमान की ही तरह हज़ारी लाल भी पढ़े-लिखे नहीं हैं. हालांकि, वह मानते हैं कि उनके बेटों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है.

Metal Craft: Metal artisans at work (2017-08)Dastkari Haat Samiti

राजस्थान के धातु कारीगरों के बारे में यहां और जानें:
- लघु धातु कारीगरी
- लोहारों की असल कारीगरी
- गाडिया लोहारों का समुदाय

आभार: कहानी

क्रेडिट: कहानी
टेक्स्ट>/b>: आलोका हिरेमथ, जया जेटली, और प्रेमा दत्ता
फ़ाेटोग्राफ़ी: सुलेमान मर्चेंट और चारु वर्मा
कारीगर: हनुमान लोहार और हज़ारी लाल
ग्राउंड फ़ैसिलिटेटर: चारु वर्मा और अलोका हिरेमथ
क्यूरेटर: रुचिरा वर्मा

क्रेडिट: सभी मीडिया
कुछ मामलों में ऐसा हो सकता है कि पेश की गई कहानी किसी स्वतंत्र तीसरे पक्ष ने बनाई हो और वह नीचे दिए गए उन संस्थानों की सोच से मेल न खाती हो, जिन्होंने यह सामग्री आप तक पहुंचाई है.
ज़्यादा जानें
मिलती-जुलती थीम
कारीगरी भारत की
कारीगरों से मिलिए, उनका हुनर देखिए, और उनकी कहानियां दुनिया तक पहुंचाइए
थीम देखें

क्या Science में दिलचस्पी है?

अपनी दिलचस्पी के हिसाब से बनाए गए Culture Weekly के अपडेट पाएं

अब आप बिलकुल तैयार हैं!

आपका पहला Culture Weekly इस हफ़्ते आएगा.

Google ऐप