Dastkari Haat Samiti
दस्तकारी हाट समिति
गाडिया लोहारों के बारे में जानकारी
गडिया लोहार, उत्तर भारत में लोहारों का एक समुदाय है. इस समुदाय के लोग हमेशा यात्रा करते रहते हैं . यह समुदाय मूल रूप से राजस्थान से है. इन्हें इनकी सजी हुई गाड़ियों से पहचाना जा सकता है. ये गाड़ियां इनका घर भी होती हैं और एक जगह से दूसरी जगह जाने का ज़रिया भी. हालांकि, कई गाडिया लोहारों ने अब बंजारों वाली ज़िंदगी छोड़ दी है और एक जगह रहकर गुजर-बसर कर रहे हैं. राजस्थान के टोंक जिले के पचेवार गांव में 16-17 लोहार परिवार स्थायी रूप से रहते हैं.
गाडिया लोहार मानते हैं कि उनके पूर्वज 16वीं सदी में राजस्थान के राजपूत राजाओं के लिए हथियार बनाते थे. जब उनके राजा महाराणा प्रताप को मुगलों ने बंधक बनाया, तब गाडिया लोहार भी अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए. उन्होंने कसम खाई कि जब तक उनके राजा फिर से राजगद्दी पर नहीं बैठते और राज्य फिर से नहीं चलाते, तब तक वे बंजारों की तरह ज़िंदगी बिताएंगे. भले ही महाराणा प्रताप कभी मुगलों से हारे नहीं, लेकिन वह कभी दोबारा शासन नहीं कर पाए. गाडिया लोहार अपनी गाड़ी से पूरे उत्तरी भारत में घूमते थे और बंजारों की ज़िंदगी जीते थे.
भारत की आज़ादी के बाद, सरकार ने इस समुदाय को स्थायी रूप से बसाने के लिए काम किए. हालांकि, अब भी यह समुदाय बंजारों के रूप में और स्थायी घरों में रहकर मिली-जुली ज़िंदगी जीता है. ये लोग गांव और शहर, दोनों जगह रहते हैं. तकनीकी विकास और बाज़ार में उपलब्ध दूसरी चीज़ों की वजह से इनका पारंपरिक पेशा टिकाऊ नहीं रह गया है. यही वजह है कि कई कारीगरों को दूसरे पेशे अपनाने पड़े.
Metal Craft: Artisan family with their cart (2017-08)Dastkari Haat Samiti
बीच में, धातु कारीगर, हनुमान की मां हैं जो अब अपनी गाड़ी नहीं चलातीं. हालांकि, अब भी वह गाडिया लोहार की ज़िंदगी जीती हैं. वह अब भी अपना सामान गाड़ी में रखती हैं.
Metal Craft: Metal artisan with her cart (2017-08)Dastkari Haat Samiti
आज भी वह अपनी गाडी में सोना पसंद करती हैं.
Hanuman की Metal Craft: Handcrafted metal insect (Contemporary)Dastkari Haat Samiti
धातु कारीगर, हनुमान ने पाया कि धातु के कीड़े बनाना उनके लिए बहुत फ़ायदेमंद है और इनकी बाज़ार में खूब बिक्री होती है.
Hanuman की Metal Craft: Handcrafted metal insects (Contemporary)Dastkari Haat Samiti
वह गांवों में बेचने के लिए लोहे का पारंपरिक सामान बनाते हैं और शहरों में धातु के बने कीड़े बेचते हैं.
Hazari Lal की Metal Craft: Handcrafted metal insects (Contemporary)Dastkari Haat Samiti
धातु के कीड़े, शिल्प बाज़ारों और शहर के बुटीक में बहुत मशहूर हैं.
Metal Craft: An artisan's new home (2017-08)Dastkari Haat Samiti
इससे हनुमान की कमाई बढ़ी है और वह इतना पैसा बचा पाते हैं कि घर बनाने के लिए ज़मीन खरीद सकें.
Metal Craft: An artisan's new home (2017-08)Dastkari Haat Samiti
उनके घर में दो मंज़िलें हैं और जब भी उनके पास पैसा होता है, वे नया कमरा बनवा लेते हैं या दीवार पर प्लास्टर कराने जैसी मरम्मत करा लेते हैं.
Metal Craft: Metal artisans at work (2017-08)Dastkari Haat Samiti
हनुमान के तीन बच्चे बड़े होकर धातु कारीगरी का कारोबार करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल दिखता है. हालांकि, उनकी सबसे छोटी बेटी इसमें नहीं रहना चाहती.
उनकी सबसे छोटी बेटी फ़िलहाल दसवीं कक्षा में है और उसे कुछ अलग करना है. वह समुदाय की दूसरी लड़कियों से ज़्यादा पढ़ी-लिखी है. उसके माता-पिता चाहते हैं कि वह अपनी पढ़ाई आगे भी जारी रखे और जब तक पढ़ना चाहे, तब तक पढ़े.
Metal Craft: Inside an artisan's home (2017-08)Dastkari Haat Samiti
दूसरे धातु कारीगर, हज़ारी लाल का घर. यहां रखे कंप्यूटर का इस्तेमाल इनके दो बेटे करते हैं.
हनुमान की ही तरह हज़ारी लाल भी पढ़े-लिखे नहीं हैं. हालांकि, वह मानते हैं कि उनके बेटों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है.
Metal Craft: Metal artisans at work (2017-08)Dastkari Haat Samiti
राजस्थान के धातु कारीगरों के बारे में यहां और जानें:
- लघु धातु कारीगरी
- लोहारों की असल कारीगरी
- गाडिया लोहारों का समुदाय
क्रेडिट: कहानी
टेक्स्ट>/b>: आलोका हिरेमथ, जया जेटली, और प्रेमा दत्ता
फ़ाेटोग्राफ़ी: सुलेमान मर्चेंट और चारु वर्मा
कारीगर: हनुमान लोहार और हज़ारी लाल
ग्राउंड फ़ैसिलिटेटर: चारु वर्मा और अलोका हिरेमथ
क्यूरेटर: रुचिरा वर्मा
क्या Science में दिलचस्पी है?
अपनी दिलचस्पी के हिसाब से बनाए गए Culture Weekly के अपडेट पाएं
अब आप बिलकुल तैयार हैं!
आपका पहला Culture Weekly इस हफ़्ते आएगा.