भारत के राष्ट्र-गान के बारे में 10 बातें जानें

'जन गण मन' गीत की यात्रा का अनुभव लें

Google Arts & Culture से

Abanindranath Tagore का Rabindranath in the role of blind singerVictoria Memorial Hall, Kolkata

भारत का राष्ट्र-गान, 'जन गण मन', कवि और नाटककार रवींद्रनाथ टैगोर के लेखन से लिया गया है।

Tagore Sw Robinoranath 1861-1941 Indian Poet Of AuthorLIFE Photo Collection

भारत के राष्ट्र-गान की पंक्तियां रवींद्रनाथ टैगोर के गीत 'भारतो भाग्यो बिधाता' से ली गई हैं।

Tagore Sw Robinoranath 1861-1941 Indian Poet Of AuthorLIFE Photo Collection

मूल गाना बंगाली में लिखा गया था और पूरे गाने में 5 छंद हैं। यह पहली बार 1905 में तत्त्वबोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था।

Captain R. B. Hill की Town Hall, Calcutta (1850s)The Metropolitan Museum of Art

इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27 दिसंबर, 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था – और टैगोर ने इसे खुद गाया था।

Rabindranath Tagore की 'The Morning Song of India', English Translation of 'Bharoto Bhagyo Bidhata' (1919-02-28)

टैगोर ने अपनी बंगाली गीत की एक अंग्रेज़ी व्याख्या 28 फरवरी, 1919 को लिखी, और इसका शीर्षक 'द मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया' रखा। अंग्रेज़ी व्याख्या लिखने का अनुरोध मदनपल्ली के बेसेंट थियोसोफ़िकल कॉलेज के डॉक्टर कोसेंस ने तब किया था जब टैगोर मदनपल्ली में कुछ दिन बिताने गए थे।

Abanindranath Tagore की Dinendranath in the role of ‘Sardar’ (1916)Victoria Memorial Hall, Kolkata

पूरे गाने की धीमी धुन और इसके राग अलहैया बिलावल का श्रेय रवींद्रनाथ को ही दिया गया है। रवींद्रनाथ के भतीजे के बेटे, दीनेंद्रनाथ टैगोर, जो खुद एक महान संगीतकार थे, ने शायद धुन बनाने में मदद की होगी।

गाने की एक और सुरीली धुन, जर्मनी में हैम्बर्ग रेडियो सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा ने 1942 में बजाई थी।

Making of the Indian Constitution (1946-1950) (1946-12-09/1950-01-24)Nehru Memorial Museum and Library

भारत के संविधान ने 24 जनवरी, 1950 (भारत के 26 वें गणतंत्र दिवस से पहले) को, टैगोर के "भारोत्तो भाग्यो बिधाता" के पहले श्लोक को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय गान घोषित किया।

LIFE Photo Collection

सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रगान चुनने में अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने हिंदी और उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करते हुए टैगोर के मूल गीत का दूसरा संस्करण बनाया, जिसे 'शुभ सुख चैन' का नाम दिया गया।

TIFR Archives की Bharat Bhagya Vidhata (1964)Tata Institute of Fundamental Research

कलाकार मकबूल फ़िदा हुसैन ने राष्ट्रगान के "भारत भाग्य विधाता" शब्दों से प्रेरित एक बड़ी पेंटिंग बनाई थी।

TIFR Archives का Reception area of Tata Institute of Fundamental ResearchTata Institute of Fundamental Research

45 फ़ीट का यह म्यूरल अभी भी मुंबई में टाटा फंडामेंटल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च की एक दीवार पर बना है।

Abanindranath Tagore की Rabindranath in the role of ‘blind singer’ (1916)Victoria Memorial Hall, Kolkata

कुछ श्रद्धांजलि के अवसरों पर, राष्ट्रगान की पहली और अंतिम पंक्तियां गाई जाती हैं।

'Sounds of India' Experience

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