इस इंजन का नाम फायरलेस लोकोमोटिव इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें कोई भाप बनाने वाला बॅायलर नही है तथा इसके बदले इसमें एक दबावयुक्त बैरल है जो निचले ढांचे के ऊपर चढ़ा हुआ है। इसमें भाप एक अन्य स्थिर बॅायलर से जमा की जाती थी। इस इंजन को ऐसे क्षेत्रों में षंटिंग हेतु इस्तेमाल किया जाता था जहाँ अत्यंत ज्वलनषील पदार्थ जैसे तेल, जूट गैस इत्यादि होते है।
यहाँ पर आप ड्राइविंग व्हील और कनेक्टिंग रॉड को साथ मे देख सकते है |
क्या Science में दिलचस्पी है?
अपनी दिलचस्पी के हिसाब से बनाए गए Culture Weekly के अपडेट पाएं
अब आप बिलकुल तैयार हैं!
आपका पहला Culture Weekly इस हफ़्ते आएगा.