यह डबल डेकर, भेड़ ले जाने वाली वैन १८२९ मे पूर्वी रेलवे के लिलुआ कार्यशाला द्वारा बनायीं गयी थी | सबसे पहले बिहार के दानापुर जिले से भेड़ व बकरियों को लाने के लिए ईस्ट इंडिया रेलवे की सेवा मे लगाए गए थे
नवीनीकरण का उद्देश्य रेलवे विरासत और लोकोमोटिव को संरक्षित करना व उसके ऐतिहासिक मूल्यों को प्रकट करना था |
यहाँ आप देख सकते है की नवीवनकरण के दौरान वैगन के पूरे ढांचे को मजबूती प्रदान की गयी है |