क्यूबा की क्रांति

26 जुल॰ 1953 - 1 जन॰ 1959

फिदेल कास्त्रो द्वारा २६ जुलाई को क्यूबा के राष्ट्रपति फल्गेंसियो बतिस्ता के विरुद्ध किया गया सशस्त्र विद्रोह क्यूबा की क्रान्ति कहलाता है। जुलाई १९५३ में आरम्भ हुआ यह विप्लव १ जनवरी १९५९ को समाप्त हुआ जब क्यूबा की सरकार अपदस्थ करके क्रान्तिकारी समाजवादी राज्य की स्थापना हुई। यह आन्दोलन बाद के वर्षों में साम्यवादी रास्ते पर चल पड़ा और अक्टूबर १९६५ में कम्युनिस्ट पार्टी बनी। वर्तमान समय में साम्यवादी दल के नेता केस्त्रो के भाई राउल हैं।
पचास के दशक के अन्तिम वर्ष में घटित हुई क्यूबा की सशस्त्र क्रांति अमेरिकी साम्राज्यवाद पर राष्ट्रवाद और मार्क्सवाद के गठजोड़ की विजय के तौर पर जानी जाती है। इस क्रांति का नेतृत्व फ़िदेल कास्त्रो के संगठन ‘26 जुलाई मूवमेंट’ के हाथों में था। सारे विश्व के वामपंथी युवाओं को अनुप्राणित करने वाली चे ग्वेरा जैसी हस्ती इसी क्रांति की देन थी। 1 जनवरी, 1959 को क्रांति की सफलता के कारण क्यूबा के तानाशाह फुलगेनसियों बतिस्ता को देश छोड़ कर भाग जाना पड़ा, और युवा छापामार योद्धाओं ने सत्ता पर अधिकार कर लिया। क्रांति की यह प्रक्रिया अपने अनूठेपन के कारण हथियारबंद तरीकों से सत्ता पर कब्ज़ा करने की एक विशिष्ट विधि के रूप में चर्चित हुई।
कम दिखाएंऔर पढ़ें
विकिपीडिया

इस ऐतिहासिक घटना के बारे में ज़्यादा जानें

2,426 आइटम

क्या इतिहास में दिलचस्पी है?

अपनी दिलचस्पी के हिसाब से बनाए गए Culture Weekly के अपडेट पाएं

अब आप बिलकुल तैयार हैं!

आपका पहला Culture Weekly इस हफ़्ते आएगा.

मुख्यपृष्ठ
डिस्कवर
वीडियो गेम खेलें
आस-पास
पसंदीदा