Dastkari Haat Samiti
दस्तकारी हाट समिति
चेट्टियार समुदाय के लोग
मुख्य रूप से दक्षिण भारत में रहने वाला चेट्टियार समुदाय, एक सफल कारोबारी समुदाय है. कारोबार और एक जगह से दूसरी जगह जाने की वजह से, एक लंबे समय तक यह समुदाय दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से जुड़ा रहा. इसकी झलक इस समुदाय की विरासत में साफ़ देखी जा सकती है. आथनगुड़ी टाइलों को बनाने की कला, चेट्टियार समुदाय ने ही विकसित की. इस फलते-फूलते कारोबारी समुदाय को इन टाइलों में यूरोपीय टाइलों जैसी वही अच्छी क्वालिटी मिली जो उन्हें पसंद थी.
Chettiar Crafts: Inside a Chettiar Mansion (Early 20th century)Dastkari Haat Samiti
चेट्टियार समुदाय को उनकी बड़ी-बड़ी हवेलियों के लिए भी जाना जाता है. इन हवेलियों को बनाने में लकड़ी के खंभों, जापानी टाइलों, और इटैलियन मार्बल का इस्तेमाल किया गया था. साथ ही, इनमें दूसरे देशों से मंगवाए गए रंग-बिरंगी कलाकृतियों वाले शीशों का भी इस्तेमाल किया गया था.
Chettiar Crafts: Inside a Chettiar Mansion (Late 19th century)Dastkari Haat Samiti
इन हवेलियों को खंभों पर टिके उनके बड़े कमरों के लिए जाना जाता है. इनके फ़र्श और छत पर टाइलें लगी होती हैं.
Chettiar Crafts: A Chettiar mansion (Early 20th century)Dastkari Haat Samiti
दूसरे देशों में फ़ैले अपने कारोबार से कमाई गई दौलत से उन्होंने अपने गांवों में हवेलियां बनाईं और उन्हें अलग-अलग तरह की कला से सजाया.
Chettiar Crafts: A Chettiar mansion (2017)Dastkari Haat Samiti
चेट्टियार हवेलियां बड़ी और भव्य होती हैं और इनके इर्द-गिर्द ऊंची-ऊंची दीवारें होती हैं.
Chettiar Crafts: A Chettiar Mansion (Late 19th century)Dastkari Haat Samiti
घर के बाहर से दिखने वाली जगहों को इस खूबसूरती से बनाया जाता था कि कोई व्यक्ति बिना घर के अंदर आए ही अंदाज़ा लगा सके कि उस घर के मालिक के पास कितनी दौलत और रुतबा होगा. ऐसा करने के लिए विदेशी साजो-सामान का इस्तेमाल किया जाता था.
Chettiar Crafts: A Chettiar mansion (2017)Dastkari Haat Samiti
बैलस्टर (छोटी बालकनी) और घरों के आगे बने ढांचों में भारतीय और विदेशी, दोनों सभ्यताओं की झलक है.
Chettiar Crafts: Inside a Chettiar mansion (Early 20th century)Dastkari Haat Samiti
इस चेट्टियार हवेली के मुख्य बरामदे में यूरोपीय शैली के बड़े-बड़े खंभे हैं जिससे इनमें भारतीय झलक दिखाई देती है.
Chettiar Crafts: Inside a Chettiar mansion (Early 20th century)Dastkari Haat Samiti
इन हवेलियों में बड़े-बड़े खंभों वाले बरामदे होते हैं जिनके इर्द-गिर्द कई बड़े-बड़े कमरे, ऊंची-ऊंची छतें, सजी हुई दीवारें, और फ़र्श होते हैं.
Chettiar Crafts: Inside a Chettiar Mansion (Early 20th century)Dastkari Haat Samiti
खंभों वाले बड़े-बड़े कमरे काफ़ी अच्छे तरीके से सजाए गए होते हैं और उनमें रखा फ़र्नीचर, घर में रहने वालों की पसंद के मुताबिक खरीदा या बनवाया जाता है. साथ ही, उनके फ़र्श पर अलग-अलग आकारों वाली टाइलें होती हैं.
Chettiar Crafts: Inside a Chettiar mansion (Early 20th century)Dastkari Haat Samiti
इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि हॉल की छत को टाइलों से सजाया गया है. चेट्टियार समुदाय के लोग इन विदेशी टाइलों से अपनी बड़ी-बड़ी हवेलियों को सजाते थे. हालांकि, उन्हें जल्द ही यह एहसास हुआ कि टाइलों की मरम्मत में लगने वाले हिस्सों के भारत में न मिलने की वजह से, इन विदेशी टाइलों की मरम्मत में बहुत खर्चा होता था.
इस वजह से, कारोबारी सोच रखने वाले इस समुदाय ने छोटे स्तर पर एक उद्योग शुरू किया जिनमें विदेशी टाइलों की नकल करके टाइलें बनाई जाने लगीं.
Chettiar Crafts: Inside a Chettiar Mansion (Late 19th century)Dastkari Haat Samiti
इन घरों को बनाने और सजाने वाले पारंपरिक शिल्पकारों ने अपनी कला से, इन हवेलियों को और भी सुंदर बना दिया.
इन टाइलों को आखिरी रूप देने में, भारतीय और विदेशी तत्वों के साथ-साथ संवेदनशीलता भी शामिल थी. इस इमेज में दिखाई दे रही टाइलों में आप यह देख सकते हैं.
Chettiar Crafts: At the tile workshop (2017)Dastkari Haat Samiti
चेट्टियार शिल्प के बारे में ज़्यादा जानकारी यहां से पाएं:
- आथनगुड़ी टाइलें
- कोटान टोकरियां
- नई दिशाएं
क्रेडिट: कहानी
लेख: आलोका हिरेमथ, जया जेटली, और प्रेमा दत्ता
फ़ोटोग्राफ़ी: चिरोदीप चौधरी
शिल्पकार: लक्ष्मी टाइल हाउस, गणपति टाइल हाउस, और एम.आरएम.आरएम कल्चरल फ़ाउंडेशन
डॉक्यूमेंट्री वीडियो: चिरोदीप चौधरी
ग्राउंड फ़ैसिलिटेटर: शालिनी शशि
क्यूरेटर: रुचिरा वर्मा
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